राउरकेला से डाक पार्सल के माध्यम से गलत पते पर पोर्ट ब्लेयर में आता था गांजा
सीआईडी ने गिरोह में शामिल चार आरोपियों को पकड़ा
पोर्ट ब्लेयर।
अंडमान निकोबार पुलिस की सीआईडी टीम ने पोर्ट ब्लेयर में मुख्य भूमि से डाक पार्सल के माध्यम से गांजे की सप्लाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के पास से 4 किलोग्राम से अधिक गांजा बरामद करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का मुखिया ओडिशा के राउरकेला से डाक पार्सल के जरिए पोर्ट ब्लेयर गांजे की सप्लाई करता था। प्रधान डाक आफिस में कार्यरत दो दोस्तों की मदद से पार्सल को शादीपुर एक अन्य व्यक्ति के पास पहुंचाया जाता था।
बृहस्पतिवार को सीआईडी के एसपी राजीव रंजन ने सीआईडी कार्यालय में प्रेसवार्ता की। एसपी के मुताबिक 4 अक्टूबर को नारकोटिक सेल और सीआईडी टीम ने शादीपुर से दो किलोग्राम से अधिक गांजे के साथ 34 वर्षीय मोहम्मद शबीब उर्फ गुड्डू नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। टीम द्वारा पूछताछ में उसने बताया कि वह इस गिरोह के मुखिया 40 वर्षीय अब्दुल साहिल के साथ मिलकर मुख्य भूमि से गांजे की सप्लाई करता था। बाद में सीआईडी टीम ने मुख्य आरोपी सहित दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर मुख्य भूमि से गांजे की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।
एसपी ने प्रेसवार्ता में बताया कि मंगलवार को मोहम्मद शबीब के निशानदेही पर मामले के मुख्य अभियुक्त अब्दुल साहिल और मुख्य डाक कार्यालय में सहायक के तौर पर काम करने वाले दो कर्मचारी एस.ए. कार्तिक और डी. विल्सन को दो किलोग्राम से अधिक गांजे के साथ सीआईडी टीम ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि गिरोह के चारों सदस्य पोर्ट ब्लेयर के शादीपुर के रहने वाले है। उन्होंने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना पहले कपड़े की दुकान चलाता था।
पूछताछ में गिरोह के सरगना अब्दुल साहिल बताया कि वह ओडिशा प्रांत के राउरकेला से गलत पते पर डाक पार्सल द्वारा पोर्ट ब्लेयर में गांजे की सप्लाई करता था। उसने बताया कि डाक पार्सल को डाक विभाग में कार्यरत अपने दोनों साथी एस.ए. कार्तिक और डी. विल्सन की मदद से शादीपुर में मोहम्मद शबीब के पास पहुंचाता था। मोहम्मद शबीब आगे ग्राहकों को बेचता था। पूछताछ में उसने साहिल ने सीआईडी टीम को बताया कि डाक पार्सल पर गलत पता होने के बावजूद भी पार्सल को शबीब के पास पहुंचा देते थे।
एसपी राजीव रंजन ने बताया कि पकड़े गए गांजे का मूल्य पोर्ट ब्लेयर में 80 हजार से 1 लाख रुपए तक है। नारकोटिक्स सेल के डीएसपी विनय माथुर तथा सीआईडी यूनिट के डीएसपी अभिषेक कुमार की टीम के प्रयासों से इस मामले का खुलासा हुआ है।