रंगत के सेंट मैरी स्कूल पर बिना मान्यता के विद्यालय चलाने का लगा आरोप

पोर्ट ब्लेयर। मध्योत्तर अंडमान जिले के रंगत में स्थित सेंट मैरी स्कूल पर बिना मान्यता के विद्यालय चलाने का आरोप लगा है। विद्यालय में पढ़ाई कर रहे कई बच्चों के अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि यह विद्यालय एक मान्यता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय है। लेकिन पिछले चार वर्षों से बिना उचित मान्यता के कक्षा 6वीं, 7वीं और 8वीं में छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा है।

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के पोर्टल के अनुसार, सेंट मैरी स्कूल की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी, और यह एक प्राथमिक विद्यालय के रूप में सूचीबद्ध है। स्कूल जाने वाले छात्रों के चिंतित अभिभावकों ने संस्था के खिलाफ आवाज उठाई है और दावा किया है कि स्कूल उन्हें प्राथमिक कक्षाओं से आगे के छात्रों को प्रवेश देने की अपनी अयोग्यता के बारे में सूचित करने में विफल रहा है।

एक अभिभावक ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चे को सेंट मैरी स्कूल में नामांकित किया था। उन्होंने  अपनी निराशा व्यक्त करते हुए बताया कि उनकी धारणा थी कि स्कूल ने आठवीं कक्षा तक के छात्रों को प्रवेश देने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त कर ली हैं।  लेकिन उन्हें बाद में पता चला कि स्कूल आवश्यक मान्यता के बिना 6वीं से 8वीं तक की कक्षाओं का अवैध संचालन कर रहा है।

उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी के बाद कई अभिभावकों ने एक साथ रंगत तहसील के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। इन अधिकारियों ने प्रभावित छात्रों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की है।

जानकारी मिली है कि सेंट मैरी स्कूल में कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को रंगत के एक सरकारी स्कूल में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की गई है, जहां उनकी शिक्षा निर्बाध रूप से जारी रह सकती है। इस मामले में जब स्कूल प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की गई तो इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अभिभावक अब विद्यालय प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग कर रहे है। उनका आरोप है कि जब मान्यता नहीं थी तो उन्हें और पढ़ाई करने वाले छात्रों को अंधेरे में क्यों रखा गया।Up News :बिना मान्यता वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई, एक लाख का जुर्माना भी,  10 अक्टूबर तक चलेगा सघन अभियान - Up News: Action Will Be Taken Against  Unrecognized Schools, Fine Of

Recent Post