भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विशाल जॉली ने प्रशासन के समक्ष शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक कर्मचारियों का मामला उठाया है। उन्होंने इन कर्मचारियों को अंशकालिक ना समझकर रेगुलर कर्मचारी समझते हुए वन थर्ड वेतन का लाभ देने की मांग की है
श्री जॉली ने बताया है कि शिक्षा विभाग में अंशकालिक कर्मचारियों से प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक काम कराया जा रहा है। ऐसे में उन्हें अंशकालिक कर्मचारी के रुप में नामित करना उचित नहीं है। उन्होंने बताया है कि वर्ष 1998 में आयोजित ग्रुप डी पद के लिए खुली भर्ती की मेरिट सूची के माध्यम से शिक्षा विभाग के लिए आवश्यक अंशकालिक आधार पर ग्राउंडमैन, वॉचमैन के लिए 200 व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था। इसके बाद खेल और युवा मामलों का निदेशालय वर्ष 2003-04 में अस्तित्व में आया। इसमें लगे व्यक्तियों को आवश्यकता के अनुसार दो भागों में विभाजित किया गया और खेल और युवा मामलों में तैनात व्यक्तियों को उनके कार्यालय आदेश के अनुसार वेतन का 1/30 वां हिस्सा नहीं दिया गया है। उन्होंने मुख्य सचिव से मांग की है कि शिक्षा विभाग के सभी अंशकालिक कर्मचारियों को डीआरएम के बराबर वेतन में 1/30 वां वेतन दिया जाए क्योंकि वे कार्यरत कर्मचारियों के व्यापक हित में प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक सेवा कर रहे हैं।