कोपरा, मसालों व नारियल तेल की पैकिंग को लेकर हुई बैठक
  कोपरा, मसालों और नारियल तेल की पैकिंग के लिए संभावित ब्रांडिंग समाधानों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक आयोजित की गई। भारतीय पैकेजिंग संस्थान के अतिरिक्त निदेशक, डॉ. तनवीर आलम, आईआईपी के उप निदेशक राहुल तिरपुडे ने इस चर्चा बैठक में हिस्सा लिया।

संयुक्त निदेशक (कृषि) मुख्यालय प्रभारी एस.सी. रेखा ने द्वीपों के लिए पैकेजिंग समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि उच्च आर्द्रता और अनियमित वर्षा के कारण कृषि उपज खराब हो जाती है। डॉ. तनवीर आलम ने बताया कि उनके संस्थान का काम पैकेज, पैकेजिंग सिस्टम, पैकेजिंग सामग्री, उपकरण और प्रक्रियाओं का परीक्षण, मूल्यांकन और प्रमाणित करना है।
उन्होंने बताया कि पैकेजिंग संरक्षण और विपणन का एक उपकरण है। उन्होंने बताया कि भारतीय पैकेजिंग उद्योग विश्व में चौथे स्थान पर है। उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए पैकेजिंग सामग्री आकर्षक होनी चाहिए क्योंकि जो दिखता है वह बिकता है।
हालाँकि पैकेजिंग में प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है लेकिन उचित अपशिष्ट प्रबंधन ही सबसे अच्छा समाधान है।
 बाद में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, किसानों और निजी नारियल प्रसंस्करण इकाई मालिकों ने मुख्य भूमि से पैकेजिंग सामग्री की खरीद की उच्च रसद लागत के बारे में अपनी समस्याएं बताईं। द्वीपों के प्रकृति में बिखरे होने के कारण कृषि उपज के परिवहन में अधिक समय लगता है, जिससे अनुचित पैकेजिंग के कारण उत्पाद खराब हो जाते हैं।
 डॉ. तनवीर आलम ने बताया कि उनके संस्थान ने केंद्र शासित प्रदेशों और उत्तर पूर्वी राज्यों में जहां कोई पैकेजिंग उद्योग उपलब्ध नहीं है, वहां सामान्य सुविधा केंद्र खोलने के लिए नीति आयोग को प्रस्ताव दिया है। बैठक में मोहम्मद शफीक, प्रधान मीठाखारी और सिमसन, उप प्रमुख, पंचायत समिति, फेरारगंज सिहत 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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