पोर्ट ब्लेयर। बाल संरक्षण कार्यक्रम को लेकर जिला और सत्र न्यायाधीश के कक्ष में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य चुनौतियों और अच्छी प्रथाओं पर चर्चा भी हुई।
बैठक की अध्यक्षता अंडमान निकोबार द्वीप समूह के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुपम मुखर्जी ने की।
बैठक में पोर्ट ब्लेयर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भवानी शंकर शर्मा, पोर्ट ब्लेयर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरकाब्रती नियोगी और अन्य गणमान्य व्यक्ति, पुलिस विभाग के प्रतिनिधि, बार के सदस्य सहित 20 लोगों ने हिस्सा लिया। यूनिसेफ के प्रमुख मोहम्मद मोहिउद्दीन और कोलकाता में यूनिसेफ की बाल संरक्षण विशेषज्ञ पारमिता नियोगी
, जो इन द्वीपों की यात्रा पर हैं, इस अवसर पर विशेष अतिथि थे। इनके कहने पर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और उनका समाधान किया गया। बैठक में बाल संरक्षण और पोक्सो अधिनियम के महत्वपूर्ण पहलुओं से संबंधित एक जानकारीपूर्ण सत्र में बच्चों के अधिकारों और भलाई की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया गया।
उनकी अंतर्दृष्टि, कानूनी विशेषज्ञता और व्यावहारिक ज्ञान प्रतिभागियों को शिक्षित करने में मूल्यवान थे।
प्रतिभागियों ने सभी कोणों और समग्र रूप से समाज से बाल संरक्षण के कार्य को निष्पादित करने में उनके सामने आने वाले विभिन्न पहलुओं और बाधाओं पर प्रकाश डाला। विभिन्न कानून और प्रक्रिया संबंधी अवधारणाओं पर चर्चा की गई।
बच्चों की सुरक्षा के मामले में शामिल किए जाने वाले कई सुझाव रखे गए, जिन पर चर्चा की गई और संबंधित प्रतिनिधियों ने बच्चों के लिए अच्छी प्रथाओं को क्रियान्वित करने का मार्ग प्रशस्त करने का आश्वासन दिया।