ANDAMAN NICOBAR : आईसीडीएस शहरी परियोजना और आईसीडीएस फरारगंज परियोजना द्वारा मीठाखाड़ी में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम और गर्भ का चिकित्सीय समापन (एमटीपी) अधिनियम विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मीठाखाड़ी के प्रधान मोहम्मद शफीक, पीएचसी, तुशनाबाद से डॉ. फरहीन कामिल, पीआरआई सदस्य, शहरी और फरारगंज परियोजना के सीडीपीओ, एएनएम, आईसीडीएस कार्यकर्ता, पोषण स्टाफ और एचईडब्ल्यू स्टाफ उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत आईसीडीएस फरारगंज परियोजना की सीडीपीओ आइरीन निकोलस के स्वागत भाषण से हुई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पारंपरिक गीत और नृत्य प्रस्तुत किया, उसके बाद कविता पाठ किया गया। डॉ. फरहीन कामिल ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम और एमटीपी अधिनियम पर ज्ञानवर्धक जानकारी दी। पीसीपीएनडीटी अधिनियम का उद्देश्य लिंग-चयनात्मक गर्भपात को रोकना तथा प्रसवपूर्व निदान तकनीकों का वैध और नैतिक उपयोग सुनिश्चित करना है। एमटीपी अधिनियम गर्भावस्था के सुरक्षित और विनियमित समापन के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है, जिससे महिलाओं को आवश्यक प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित होती है।
ग्राम प्रधान मोहम्मद शफीक ने बालिकाओं के सामाजिक मूल्य पर जोर दिया और स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक समर्थन में समान अवसरों की वकालत की। रीता देवी, कल्याण अधिकारी (महिला) ने महिला सशक्तिकरण और दहेज और घरेलू हिंसा कानूनों जैसे प्रासंगिक कानूनी कृत्यों पर चर्चा की। उन्होंने स्कूली बच्चों को पाॅक्सो अधिनियम के बारे में भी समझाया, जिससे उन्हें अपने अधिकारों की समझ हो। जरीना बीबी, शहरी परियोजना ने सशक्तिकरण के लिए बालिका शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम का समापन प्रतिमा राय, मुख्य सेविका, द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।