Dehradun shootout :  मुख्यमंत्री ने दिया सख्त निर्देश, गिरफ्तारी के बाद ध्वस्त होंगी बदमाशों की अवैध संपत्तियां , चलेगा बुलडोजर!

Dehradun shootout : देहरादून में रविवार को हुए गोलीकांड में प्रॉपर्टी डीलर रवि बडोला की हत्या के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डीजीपी अभिनव कुमार को आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही मुख्य आरोपी रणवीर समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। रणवीर को राजस्थान से पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया है।

मुख्यमंत्री ने गोलीकांड में शामिल सभी आरोपियों की अवैध संपत्तियों और कारोबार की जांच के भी निर्देश दिए हैं। नगर निगम और एमडीडीए से भी बदमाशों की संपत्तियों की रिपोर्ट मांगी गई है।

सीएम धामी ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है और घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की बात कही है। उन्होंने बदमाशों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि देवभूमि में अपराध के लिए कोई जगह नहीं है।

गोलीकांड की घटना:

दरअसल, देहरादून के नेहरू ग्राम इलाके में रहने वाले रवि बडोला में अपनी कार इलाके के सागर यादव को दी थी. सागर ने रवि बडोला को बिना बताए उस कार को सवा चार लाख में सोनू भारद्वाज के यहां गिरवी रख दिया. रवि बडोला को उसकी कार गिरवी रखने की जानकारी मिली तो उसने सागर यादव से अपनी कार वापस मांगी, लेकिन सागर यादव ने कार वापस देने से मना कर दिया और रवि बडोला के साथ गाली-गलौज भी की.

आरोप है कि इसके बाद रवि ने अपनी कार से सोनू भारद्वाज से बात की, लेकिन उसने भी कार वापस देने से मना कर दिया. विवाद बढ़ा तो रवि ने अपने दोस्त सुभाष क्षेत्री और मनोज नेगी को भी बुला दिया. 16 जून की रात तीनों सोनू भारद्वाज के घर गए, जहां सोनू भारद्वाज, उसके भाई मोनू भारद्वाज, रामवीर, मनीष, अंकुश और योगेश से उनकी बहस हो गई. इन पांचों आरोपियों ने रवि और उसके दोस्त पर फायरिंग कर दी.

इस फायरिंग ने तीनों रवि, सुभाष क्षेत्री और मनोज नेगी को गोली लगी. फायरिंग की वजह से पूरे इलाके में हो हल्ला मच गया था. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची. सुभाष क्षेत्री को तो उसके परिजनों और मनोज नेगी को पुलिस ने तत्काल हॉस्पिटल में भर्ती कराया, लेकिन देर रात भी रवि का कुछ पता नहीं लगा. पूरी रात परिजन और पुलिस रवि को ढूंढती रही. रवि की लाश सुबह डोभाल चौक के पास नाले में पड़ी हुई मिली.

पुलिस ने इस मामले में अभीतक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें रामवीर मुख्य आरोपी है. रामवीर पर पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज है. रामवीर, मनीष, अंकुश और योगेश का सोनू भारद्वाज के यहां आना जाना है. रामवीर, मनीष, अंकुश और योगेश बीते कुछ दिनों से सोनू भारद्वाज के यहां ही रह रहे थे.

इस घटना से:

  • देहरादून में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठे हैं।
  • भूमि mafia और अवैध कारोबार पर भी सवाल उठे हैं।
  • पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है।

यह गोलीकांड देहरादून में अपराध और भ्रष्टाचार का एक ज्वलंत उदाहरण है।

उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बाद पुलिस इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करेगी और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा।

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