Encroachment In Dehradun : उत्तराखंड के देहरादून में रिस्पना नदी के किनारे 2016 के बाद किए गए अवैध निर्माण पर एमडीडीए की कार्रवाई के बीच एक दर्दनाक घटना सामने आई है। वीर गब्बर सिंह बस्ती में एक महिला की हार्ट अटैक से मौत हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला को उसके घर टूटने की चिंता सताए जा रही थी। जब पुलिस बल घर खाली करवाने के लिए पहुंचा, तो महिला सहम गई और उसे हार्ट अटैक आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
महिला की मौत:
वीर गब्बर सिंह बस्ती में घर टूटने की खबर से एक महिला की हार्ट अटैक से मौत हो गई। महिला के दो छोटे बच्चे हैं, जिनके सामने यह दुखद घटना घटी। स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला को जब यह पता चला कि उनका घर भी टूटने वाला है, तो उसे तुरंत हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई।
पति का दर्द:
महिला के पति का कहना है, “अब इन दो छोटे बच्चों की देखभाल कौन करेगा?” यह सवाल प्रशासन की कार्रवाई के मानवीय पहलुओं को उजागर करता है और स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी पैदा कर रहा है।
स्थानीय लोगों का विरोध:
प्रशासन की कार्रवाई पर स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध जताया है। आज सुबह, स्थानीय लोगों ने काठ बांग्ला पुल पर मिलकर सड़क जाम करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से भगा दिया। विरोध के बावजूद, भारी पुलिस बल वीर गब्बर सिंह बस्ती के पास तैनात है और आज भी एनजीटी के आदेश के बाद कई मकानों को तोड़ा जाएगा।
कार्रवाई के चरण:
सोमवार, 24 जून को एमडीडीए ने काठबंगला बस्ती से अवैध निर्माण पर कार्रवाई शुरू की। पहले दिन 26 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। रिवरफ्रंट डेवलपमेंट की भूमि पर रिस्पना किनारे कुल 250 अतिक्रमणों पर कार्रवाई की जानी है।
प्रक्रिया और पुलिस बल की भूमिका:
सोमवार सुबह करीब 10 बजे पुलिस और पीएसी के साथ एमडीडीए की टीम काठबंगला बस्ती पुल पर पहुंची और फोर्स ने बस्ती के चारों ओर घेरा बना लिया। इसके बाद एमडीडीए की टीम जेसीबी लेकर आगे बढ़ी।
नगर निगम और एमडीडीए की कार्रवाई:
एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना के किनारे 2016 के बाद किए गए निर्माण के सर्वेक्षण में कुल 524 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे। नगर निगम ने पहले 64 अतिक्रमण ध्वस्त किए थे और अब एमडीडीए 250 निर्माण ध्वस्त करेगा।
बस्तीवासियों के पुनर्वास के लिए फ्लैट बने खंडहर:
काठबंगला बस्ती के निवासियों के पुनर्वास के लिए करोड़ों की लागत से बन रहे फ्लैट खंडहर बन गए हैं। बस्ती से कुछ दूरी पर ही जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत कई साल पहले बहुमंजिला इमारत का निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन बजट की कमी के कारण यह काम ठप हो गया।
देहरादून में धामी सरकार की इस कड़ी कार्रवाई से कई परिवार बेघर हो गए हैं और स्थानीय जनता में भारी रोष है। पुलिस की सख्ती के बावजूद कार्रवाई जारी है और इसे लेकर राजनीतिक दलों के विरोध भी देखने को मिल रहे हैं।